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पृथ्वी का जीवन कार्बन आधारित ही क्यों है?||Why Life on Earth is Carbon Based?|| interesting science article||Amazing Facts ||

पृथ्वी का जीवन कार्बन आधारित ही क्यों है?

●Why Life on Earth is Carbon Based?●

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इस बात में शायद ही किसी को संदेह हो कि पृथ्वी पर मौजूद समस्त जीवन, चाहें मनुष्य हों, जानवर या वनस्पति – सब के सब कोशिकाओं से मिलकर बने हैं। कोशिकाओं के भीतर झाकेंगे तो आपको डीएनए, प्रोटीन और शुगर आदि मिलेंगे, जो स्वयं खरबों अणुओं के समूह मात्र हैं।

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और गहरे में झांकिए तो आपके शरीर के 99% हिस्से में सिर्फ ऑक्सीजन, कार्बन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, कैल्शियम और फास्फोरस, यानी मात्र 6 तत्वों के परमाणु दिखेंगे,

शेष एक प्रतिशत हिस्से में अन्य कुछेक तत्वों के परमाणु। यहाँ आ कर आप यह ख़ास बात नोटिस करेंगे कि एक चीज है, जिसने आपके शरीर के खरबों परमाणुओं को एक फेविकोल की तरह बाँध कर जीवन की रचना की है – अर्थात कार्बन!

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विभिन्न तत्वों को एक साथ जोड़ने की क्षमता के कारण आपको हर जैविक चीज के केंद्र में सदैव कार्बन ही मिलेगा। यही कारण है कि पृथ्वी के जीवन को “कार्बन आधारित” कहा जाता है। पर जब प्रकृति में 94 तत्व उपलब्ध हैं तो जीवन के आधार होने का श्रेय सिर्फ कार्बन को ही हासिल क्यों हुआ? सिलिकॉन, जर्मेनियम या टिन क्यों नहीं, जिसमें कमोबेश कार्बन जैसे ही गुणधर्म मौजूद होते हैं।

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बेसिकली, इसके तीन कारण हैं। –

1.सबसे पहला कारण तो यह कि एक कार्बन का परमाणु अन्य 4 परमाणुओं को खुद से जोड़ सकता है, जो कि दूसरे तत्वों के मुकाबले सबसे ज्यादा है। इस कारण कार्बन दूसरे परमाणुओं के साथ मिलकर बेहद बड़े और जटिल आणविक स्ट्रक्चर बनाने में सक्षम होता है।

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2. दूसरा कारण यह है कि कार्बन पृथ्वी पर और ब्रह्माण्ड में अन्य जगह भी प्रचुर मात्रा में मौजूद है।

यहाँ आप यह कह सकते हैं कि ऊपर बताये गये दोनों गुण तो सिलिकॉन में भी हैं, जो 4 केमिकल बांड बनाने में भी सक्षम है और कार्बन से 150 गुना मात्रा में पृथ्वी पर पाया जाता है, तो सिलिकॉन क्यों नहीं? अथवा नाइट्रोजन क्यों नहीं, जो 3 बांड बनाने के साथ-साथ हवा में ही इतनी भारी मात्रा में मौजूद है?

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3.यहाँ तीसरा कारण आ जाता है जो “स्थिरता यानी स्टेबिलिटी” से सम्बंधित है। अपवादों को छोड़ सभी तत्वों को स्थिर रहने के लिए अपने परमाणु के बाहरी ऑर्बिट में 8 इलेक्ट्रान चाहिए होते हैं। कार्बन के बाहरी ऑर्बिट में सिर्फ 4 होते हैं, और 4 अन्य इलेक्ट्रान की दरकार होती है, इसलिए कार्बन इलेक्ट्रान शेयरिंग के द्वारा केमिकल बांड बना कर 4 अन्य तत्वों को जोड़ने में सक्षम होता है।

…………सिलिकॉन में भी यह गुण है, पर समस्या यह है कि सिलिकॉन के बाहरी ऑर्बिट में मौजूद इलेक्ट्रान अपने केंद्र से, कार्बन की बनिस्पत ज्यादा दूरी पर होते हैं, अर्थात – सिलिकॉन के बनाये बांड कार्बन की तुलना में कमजोर होते हैं। अर्थात, कार्बन की बॉन्डिंग सिलिकॉन से 1.7 गुना ज्यादा मजबूत होती है। नाइट्रोजन, या अन्य संभावित उम्मीदवारों का हाल भी सिलिकॉन जैसा ही है।

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यहाँ आप अंतर समझ गये होंगे। एक गगनचुम्बी इमारत बनाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी उस इमारत की मजबूत नींव है, जो कि सिर्फ कार्बन उपलब्ध कराता है। सिलिकॉन और नाइट्रोजन, या अन्य तत्व वे ताश के पत्ते हैं, जिन पर बनाई गयी इमारत को भरभरा कर गिरने में समय नहीं लगेगा।

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बहरहाल, कार्बन के अतिरिक्त अन्य तत्वों को जीवन की केंद्रीय भूमिका में रख कर सोचने पर जैविक प्रक्रियाएं जटिल तो प्रतीत होती हैं, पर इससे यह तथ्य भी नहीं बदलता कि इस विषय में की जा रही सारी तुलनाओं में “मानक” के तौर पर पृथ्वी के जीवन को ही रखा जाता है, जबकि ब्रह्माण्ड बेहद विशाल है, इसलिए यह कहना कि सुदूर किसी अन्य ग्रह पर अन्य किसी तत्व से बने जटिल अथवा सरल, हमारे जैसे अथवा हमसे पूरी तरह अलग जीवों का अस्तित्व संभव ही नहीं है – बस एक आत्मश्लाघा युक्त अहंकार ही होगा।

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मैं नहीं जानता कि इस ब्रह्माण्ड में कहीं जीवन है अथवा नहीं। पर मैं यह अवश्य जानता हूँ कि ब्रह्माण्ड के किसी भी कोने में, सरल या जटिल, कार्बन आधारित या अन्य तत्व आधारित जीवन के साक्ष्य कभी मिलते हैं तो यह मानवता के इतिहास की सबसे युगांतकारी खोज होगी।

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वो क्या है कि जीवन के सम्बन्ध में हमेशा “एक – अथवा – अनंत” का नियम लागू होता है। अर्थात, ब्रह्माण्ड में अगर कोई घटना एक से ज्यादा बार हो सकती है, तो अनंत बार भी हो सकती है।

अर्थात, या तो हम इस महाविशाल ब्रह्माण्ड में नितांत अकेले हैं…

या फिर हम जैसे, या हमसे पूरी तरह अलग, अनंत जीवन संगीत इस ब्रह्माण्ड में गूँज रहे हैं।

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सच कहूँ तो दोनों ही संभावनाएं आतंकित करने वाली हैं।

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Both Assumptions are equally disturbing!!!

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And As Always

Thanks For Reading!!

– झकझकिया

लेख़क – विजय सिंह ठकुराय

साभार – विजय सिंह ठकुराय

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