शाकाहार और मांसाहार का विज्ञान || क्या मनुष्य को मांसाहार करना चाहिए ? || शाकाहारी vs माँसाहारी || Veg vs Non Veg food ||
आज आपको एक बहुत ही रोचक कहानी सुनाते हैं –
शाकाहारी और माँसाहारी में अन्तर –
एक शिक्षक का अद्भुत ज्ञान !!
मनुष्य मांसाहारी है या शाकाहारी है…. ??!
एक बार एक चिंतनशील शिक्षक ने अपने 10th स्टेंडर्ड के बच्चों से पूछा कि
आप लोग कहीं जा रहे हैं और सामने से कोई कीड़ा मकोड़ा या कोई साँप छिपकली या कोई गाय-भैंस या अन्य कोई ऐसा विचित्र जीव दिख गया, जो आपने जीवन में पहले कभी नहीं देखा हो,
तो प्रश्न यह है कि आप कैसे पहचानेंगे कि वह जीव अंडे देता है या बच्चे? क्या पहचान है उसकी ?
अधिकांश बच्चे मौन रहे I
जबकि कुछ बच्चों में बस आंतरिक खुसर-फुसर चलती रही…।
मिनट दो मिनट बाद………..
फिर उस चिंतनशील शिक्षक ने स्वयम ही बताया कि बहुत आसान है ,
जिनके भी कान बाहर दिखाई देते हैं वे सब बच्चे देते हैं और जिन जीवों के कान बाहर नहीं दिखाई देते हैं वे अंडे देते हैं !
फिर दूसरा प्रश्न पूछा कि–
ये बताइए आप लोगों के सामने एकदम कोई प्राणी आ गया… तो आप कैसे पहचानेंगे की यह *शाकाहारी है या मांसाहारी ?
क्योंकि आपने तो उसे पहले भोजन करते देखा ही नहीं,
बच्चों में फिर वही कौतूहल और खुसर फ़ुसर की आवाजें…..
शिक्षक ने कहा–
देखो भाई बहुत आसान है,,
जिन जीवों की आँखों की बाहर की यानी ऊपरी संरचना गोल होती है, वे सब के सब माँसाहारी होते हैं ,
जैसे-कुत्ता, बिल्ली, बाज, चिड़िया, शेर, भेड़िया, चील या अन्य कोई भी आपके आस-पास का जीव-जंतु जिसकी आँखे गोल हैं वह माँसाहारी ही होता है,
ठीक उसी तरह जिसकी आँखों की बाहरी संरचना लंबाई लिए हुए होती है, वे सब के सब जीव शाकाहारी होते हैं ,
जैसे- हिरन, गाय, हाथी, बैल, भैंस, बकरी,, इत्यादि , इनकी आँखे बाहर की बनावट में लंबाई लिए होती है !
फिर उस चिंतनशील शिक्षक ने बच्चों से पूछा कि-
बच्चों अब ये बताओ कि मनुष्य की आँखें गोल हैं या लंबाई वाली ?
इस बार सब बच्चों ने कहा कि मनुष्य की आंखें लंबाई वाली होती है…
इस बात पर शिक्षक ने फिर बच्चों से पूछा कि यह बताओ इस हिसाब से मनुष्य शाकाहारी जीव हुआ या माँसाहारी ??
सब के सब बच्चों का उत्तर था शाकाहारी ।
फिर शिक्षक से पूछा कि बच्चों यह बताओ कि फिर मनुष्य में बहुत सारे लोग मांसाहार क्यों करते हैं ?
तो इस बार बच्चों ने बहुत ही गम्भीर उत्तर दिया
और वह उत्तर था कि अज्ञानतावश या मूर्खता के कारण।
फिर उस चिंतनशील शिक्षक ने बच्चों को दूसरी बात यह बताई कि
जिन भी जीवों के नाखून तीखे नुकीले होते हैं, वे सब के सब माँसाहारी होते हैं,
जैसे- शेर, बिल्ली, कुत्ता, बाज, गिद्ध या अन्य कोई तीखे नुकीले नाखूनों वाला जीव….
और
जिन जीवों के *नाखून चौड़े चपटे होते हैं वे सब के सब शाकाहारी* होते हैं,
जैसे-मनुष्य, गाय, घोड़ा, गधा, बैल, हाथी, ऊँट, हिरण, बकरी इत्यादि।
इस हिसाब से भी अब ये बताओ बच्चों कि मनुष्य के नाखून तीखे नुकीले होते हैं या चौड़े चपटे ??
सभी बच्चों ने कहा कि चौड़े चपटे I
फिर शिक्षक ने पूछा कि
अब ये बताओ इस हिसाब से मनुष्य कौन से जीवों की श्रेणी में हुआ ??
सब के सब बच्चों ने एक सुर में कहा कि शाकाहारी ।
फिर शिक्षक ने बच्चों से तीसरी बात यह बताई कि,
जिन भी जीवों अथवा पशु-प्राणियों को पसीना आता है, वे सब के सब शाकाहारी होते हैं,
जैसे- घोड़ा, बैल, गाय, भैंस, खच्चर, आदि अनेकानेक प्राणी… ।
जबकि
माँसाहारी जीवों को पसीना नहीं आता है, इसलिए कुदरती तौर पर वे जीव अपनी जीभ निकाल कर लार टपकाते हुए हाँफते रहते हैं I
इस प्रकार वे अपनी शरीर की गर्मी को नियंत्रित करते हैं…. ।
तो प्रश्न यह उठता है कि
मनुष्य को पसीना आता है या मनुष्य जीभ से अपने तापमान को एडजस्ट करता है ??
सभी बच्चों ने कहा कि मनुष्य को पसीना आता है,
शिक्षक ने कहा कि अच्छा यह बताओ कि
इस बात से भी मनुष्य कौन सा जीव सिद्ध हुआ,
सब के सब बच्चों ने एक साथ कहा – शाकाहारी ।
सभी लोग विशेषकर अहिंसा में, सनातन धर्म, संस्कृति और परम्पराओं में विश्वास करने वाले लोग भी चाहे तो बच्चों को नैतिक-बौधिक ज्ञान देने अथवा सीखने-पढ़ाने के लिए इस तरह बातचीत की शैली विकसित कर सकते हैं,
इससे जो वे समझेंगे सीखेंगे वह उन्हें जीवनभर काम आएगा…
याद रहेगा, पढ़ते वक्त बोर भी नहीं होंगे….। !